प्रेमरावत.कॉम की लेखिका मार्सिया न्यूमन, उत्साही शांति समर्थक और सामुदायिक कार्यकर्ता अर्नेस्ट लेकेटी से बातचीत करती हैं। वह जोहानसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका के सोवेतो टाउनशिप में रहते हैं। यह साक्षात्कार 9 अक्टूबर, 2023 को ज़ूम के माध्यम से हुआ। इस बातचीत के दौरान अर्नेस्ट के किशोरावस्था के बारे में भी बात हुई जब वह रंगभेद की वजह से अन्याय का सामना कर रहे थे, एक किशोर के रूप में छुप कर न्याय के लिए लड़ रहे थे, पीस एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से अपने को अंदर से सशक्त कर रहे थे और किस तरह से प्रेम रावत जी के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम कर रहे थे।
प्रेमरावत.कॉम: नमस्ते अर्नेस्ट! एक बार फिर आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। लॉस एंजिल्स और सोवेतो के बीच नौ घंटे के समय अंतराल के बावजूद, बातचीत के लिए आपने समय निकाला, इसके लिए धन्यवाद। आप कैसे हैं?
अर्नेस्ट लेकेटी: इस बातचीत के मौके के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं ठीक हूं और खुश हूं!
प्रेमरावत.कॉम: दक्षिण अफ़्रीका में जो कुछ हो रहा है उसे देखना और जानना प्रेरणादायक रहा है। पीस एजुकेशन प्रोग्राम के साथ आपकी भागीदारी इस निरंतर चुनौतीपूर्ण समय में स्पष्ट रूप से परिवर्तन ला रही है।
अर्नेस्ट लेकेटी: हम वहां पहुंच रहे हैं! जैसे-जैसे हम बात कर रहे हैं, यहां और पीस एजुकेशन प्रोग्राम हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों को हम इस साल के अंत तक पूरा कर लेंगे, और 2024 में नए कार्यक्रमों की ताज़ा शुरुआत होगी।
वर्तमान में, ये कोर्स उच्च विद्यालयों और जेलों में चल रहे हैं और हम वहां के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को सशक्त बना रहे हैं ताकि वो इन कोर्सेज को वहां चला सकें। पीस एजुकेशन प्रोग्राम गौतेंग प्रांत के चार क्षेत्रों में हो रहे हैं: जोहान्सबर्ग, एकुरहुलेनी, एम्फुलेनी और वेस्ट रैंड।
हम केप फ्लैट्स सहित दक्षिण अफ्रीका के अन्य हिस्सों में भी पीस एजुकेशन प्रोग्राम कर रहे हैं।
जैसा कि आप जानते हैं, केप फ़्लैट्स में बहुत अधिक गिरोह और अपराधिक गतिविधियाँ हैं, लेकिन वहाँ एक कोर्स शुरू हो गया है। मैं केप फ्लैट्स में जिंदगियों को बदलते हुए देखकर बहुत आभारी हूं। उस क्षेत्र में और भी कई कोर्सेज चल रहे हैं जिन्हे वहां के समर्पित सामुदायिक कार्यकर्ताओं, पूर्व-अपराधियों, नशे की लत से उबरने वाले लोग और एक गैर-सरकारी संगठन ने संभव बनाया है।
![Ernest_Pic#2_Peace Ed team in Sebokeng-2 Peace Education Program Team in Sebokeng](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Ernest_Pic2_Peace-Ed-team-in-Sebokeng-2.jpg)
सेबोकेंग में पीस एजुकेशन टीम के साथ अर्नेस्ट
प्रेमरावत.कॉम: आपके लिए इसकी शुरुआत कैसे हुई?
अर्नेस्ट लेकेटी: मैं 9 सालों से पीस एजुकेशन प्रोग्राम में शामिल हूँ। मेरा इससे पहली बार परिचय 2014 में हुआ था जब मुझे जोहान्सबर्ग सुधार केंद्र में आमंत्रित किया गया था। यही वह समय है जब मेरी मुलाकात पहले दो स्वयंसेवकों, गेल डी जैगर और ऐन वोल्फसन से हुई।
सबसे पहले, मैं इस बारें में थोड़ा बताता हूँ। पेशे से मैं एक मॉडरेटर, मूल्यांकनकर्ता और प्रशिक्षक के रूप में लोगों को प्रशिक्षण और विकास सेवाएं प्रदान करता हूँ। इससे पहले, मुझे नौ वर्षों तक जोहान्सबर्ग शहर के लिए सामाजिक विकास विभाग के साथ काम करने का अवसर मिला था। यह एक सुखद अनुभव था और मैंने उस माहौल में बहुत कुछ सीखा। सच कहूं तो, जब मैं जेल में पहले दो स्वयंसेवकों (ऐन और गेल) से मिला, तो मैं वास्तव में एक ऐसे कार्यक्रम की तलाश में था जो मुझे अपनी नौकरी से जुड़े हुए लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सके।
बहुत जल्द मैं पीस एजुकेशन प्रोग्राम के परिचय से प्रभावित हुआ। जैसे जैसे मैं इस कोर्स में आगे बढ़ता गया, इससे मुझे, मेरे अंदर चल रहे कुछ संघर्षों को हल करने में मदद मिली। मैं अभी भी बहुत गुस्से में था लेकिन मैं कोशिश करता की ये सबके सामने न आये। इससे मुझे इन भावनाओं को स्वीकार करने और उस आंतरिक संघर्ष को हल करने में मदद मिली। मैंने सोचा कि अगर मुझे इससे मदद मिली, तो शायद इससे दूसरों की भी मदद की जा सकती है।
इसलिए, हमने लगभग 50 युवाओं के लिए सोवेतो के युवा सलाहकार केंद्र में एक शुरूआती कोर्स चलाया। माता-पिता को अपने बच्चों में सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन दिखाई देने लगे। माता-पिता पूछने लगे “यहाँ क्या हो रहा है?” हमने इस कोर्स में माता-पिता को भी शामिल करने का निर्णय लिया और इस तरह हम आगे बढ़ते जा रहे हैं ।
![Ernest_Pic#3_Peace Ed Team meeting with Prem in Soweto CharanAnand_Europe Younger – Europe 1974](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Ernest_Pic3_Peace-Ed-Team-meeting-with-Prem-in-Soweto.jpg)
सोवतो में प्रेम के साथ अर्नेस्ट और पीस एजुकेशन टीम की बैठक
प्रेमरावत.कॉम: बहुत बढ़िया! क्या आप दक्षिण अफ़्रीका में अपने बचपन के दिनों के बारे में और बतायेंगे और उन दिनों आपको किन संघर्षों का सामना करना पड़ा?
अर्नेस्ट लेकेटी: मैं अब 48 साल का हूं। मेरा जन्म 1975 में हुआ और मेरा पालन-पोषण दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग प्रांत के डाइपक्लोफ़ सोवेतो टाउनशिप में हुआ। जब मैं स्कूल में था तो रंगभेद नीति अपने चरम पर थी। हालाँकि यह बहुत जोखिम भरा था, फिर भी 1988 में मैंने रंगभेद नीति से छुटकारा पाने की गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया। मैं तब 14 साल का था। उस समय बहुत सामाजिक अन्याय और गलत हो रहा था। हर हफ्ते हम अपने साथियों और सहपाठियों को दफना रहे थे। वे पुलिस बलों या गैंगस्टरों द्वारा मारे जा रहे थे। यह सब मेरे लिए सचमुच कठिन था। मैं शुक्रवार को उनसे मिलता और सोमवार को मुझे पता चलता कि वह व्यक्ति अब नहीं रहा।
रंगभेद शासन के कारण लोगों के दिलों में बहुत सारे घाव बन गये थे। हालाँकि, 1994 के बाद, मैंने संधि और विकास गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। मैं दक्षिण अफ़्रीकी लोगों को एकजुट करने में मदद करना चाहता था क्योंकि देश बहुत विभाजित था। बहुत नफरत थी। मैंने सामुदायिक विकास कार्यकर्ता के रूप में काम करना जारी रखा। मुझे नई दक्षिण अफ़्रीकी सरकार द्वारा सामाजिक विकास विभाग में युवा विकास विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। उस पद पर, मेरा प्रमुख कार्य समुदायों के पास जाना और युवाओं में हिंसक व्यवहार को कम करने वाले कार्यक्रमों को लागू करना था। मेरा एक और प्रमुख कार्य था पूर्व अपराधियों को समुदाय में वापस एकीकृत करना।
प्रेमरावत.कॉम: इससे यही पता चलता है कि कैसे यह सही समय पर आपके जीवन में आया। लेकिन फिर भी उपनिवेशीकरण की हिंसा और आघात से कितने सारे घाव हुए हैं। अपने अंदर क्रोध और बदले की भावना का सामना करना आसान नहीं रहा होगा।
अर्नेस्ट लेकेटी: यह आसान नहीं था। दरअसल, मुझे याद है जब राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला जेल से छूटे थे और उन्होंने हमें फुटबॉल स्टेडियम में बुलाया था। हममें से कुछ लोगों ने अपनी स्कूल यूनिफॉर्म पहन रखी थी। तब मदीबा (हमारे राष्ट्रपिता) ने घोषणा की, “अब शांति का समय है।” फिर उहोने हममें से एक समूह की ओर देखा। हम अपनी यूनिफॉर्म में युवा किशोर थे। मदीबा ने आगे कहा, “मैं देख रहा हूं कि कुछ विद्यार्थी यहां हैं। तुम यहाँ रह कर क्या चाहते हो? तुम्हें स्कूल में होना चाहिए. अब जब मैं जेल से बाहर आ गया हूं तो तुम्हें स्कूल वापस जाना चाहिए।”
यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया! मेरी उम्मीद थी कि मदीबा [राष्ट्रपति मंडेला] हमें सैन्य हथियार देंगे। हमारी युवा सोच थी “आओ चलें और लड़ें!” हमें यही अपेक्षा थी और यही हम चाहते थे। इतने सब अन्याय के बावजूद, मैं यह नहीं समझ सका कि राष्ट्रपति मंडेला शांति और मेल-मिलाप चाहने की बात कैसे कर सकते थे। मैं तब इस बात को समझ नहीं सका।
यह वास्तव में तब तक समझ नहीं आया जब तक मैंने पीस एजुकेशन प्रोग्राम के द्वारा आंतरिक शांति और बाहरी सामाजिक शांति के बीच के अंतर को नहीं समझा था। केवल तब जाकर मैने अपने आंतरिक सामंजस्य को समझना और खोजना शुरू किया।
![Ernest_Pic#4_ Peace Education Program team meeting with Prem in Soweto-2-Edit CharanAnand_Europe Younger – Europe 1974](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Ernest_Pic4_-Peace-Education-Program-team-meeting-with-Prem-in-Soweto-2-Edit.jpg)
सोवतो में प्रेम के साथ अर्नेस्ट और पीस एजुकेशन टीम की बैठक
वीडियो देखकर मुझे लगा कि श्री प्रेम रावत जी सीधे मुझसे बात कर रहे हैं। जब मैंने प्रशंसा मॉड्यूल देखा तो मैंने उससे पहले कभी भी जीवित रहने की इतनी सराहना नहीं की जितनी मैं आज करता हूँ। साथ ही इनर स्ट्रेंथ के मॉड्यूल को भी देखना, इसने मुझे सचमुच प्रभावित किया क्योंकि मैंने आशा खो दी थी, जैसे कि मेरे समुदाय के कई लोगों ने खो दी थी। मैंने स्वयं को माफ़ किया और साथ ही दूसरों को भी माफ़ किया, इसमें वो लोग भी शामिल थे जिन्होंने अपने राजनीतिक पदों पर रहते हुए हमें नुकसान पहुँचाया था।
सबसे पहले, मेरे लिए शांति से जुड़ना उतना आसान नहीं था। आख़िरकार, मुझे एहसास होने लगा कि पीस एजुकेशन प्रोग्राम के तरीके मुझे ठीक होने में मदद कर रहे हैं। अगर इससे मेरी मदद हो रही थी, तो मुझे पता था कि इससे हमारे दक्षिण अफ़्रीकी समुदायों के और लोगों की भी मदद की जा सकती है। आगे बढ़ने के लिए मुझे एक नये सफर की शुरुआत करनी थी। मैंने जो सीखा था उसे मुझे व्यवहारिक बनाना था। इसलिए, हमने हर शुक्रवार को इस कोर्स को पेश करना शुरू किया।
शुक्र है कि मैं पीस एजुकेशन प्रोग्राम के विभिन्न तरीकों को अपने व्यक्तिगत जीवन, परिवार, कार्य और समुदाय में अपना सका। इससे मुझे तब भी मदद मिली और आज भी मेरी मदद कर रहा है।
प्रेमरावत.कॉम: बहुत खूब। परिवार की बात कर रहे हैं तो क्या आप अपने परिवार के बारे में और बताना चाहेंगे जहाँ आपका जन्म हुआ और जो परिवार आपने बनाया है?
अर्नेस्ट लेकेटी: मेरे पिता का 2007 में निधन हो गया। मेरी माँ अभी भी जीवित हैं। मेरे दो भाई हैं और मैं सबसे छोटा हूँ। मेरी एक पत्नी है और हमारे चार बच्चे हैं [एक बड़ी मुस्कान]. मुझे अपने परिवार से जुड़े रहना और अपने बच्चों के जीवन में शामिल होने बड़ा अच्छा लगता है। मेरे लिए अपनी मां और भाइयों से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है।
रंगभेद के दौरान, मेरी माँ एक सामुदायिक नेता थीं। वह एक स्ट्रीट कमेटी की सदस्य थीं। मैं उन्हे सामुदायिक बैठकों में आते-जाते देखता था। राजनीतिक परिवर्तनों पर मेरी माँ का प्रभाव था, लेकिन मैंने समुदाय के भीतर गलत होते हुए भी देखा था। अपनी मां की तरह, मैंने सोचा कि मैं भी कुछ बदलाव ला सकता हूं और मुझे दूसरे लोगों को दोष देना बंद करना चाहिए।
मुझे नहीं लगता था कि मेरी मां को मेरे युवावस्था में रंगभेद विरोधी आंदोलन में शामिल होने के बारे में पता था क्योंकि मैं ये सब छिपकर कर रहा था। हालाँकि, 1994 में डेमोक्रेटिक सफलता के तुरंत बाद, मैं और मेरी माँ बात कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने बहुत सारी बातें बताईं जिनमें यह भी शामिल है कि उन्हें मेरी रंगभेद विरोधी गतिविधियों के बारे में सब कुछ पता था। मै सोच रहा था कि मैं सब कुछ गुप्त रूप से कर रहा था। वह जानती थी! [एक साथ हँसते हुए]
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अर्नेस्ट अपनी माँ के साथ
वास्तव में, मेरे माता-पिता दोनों ने मुझे जो सहारा दिया, उसके लिए मैं उनकी बहुत सराहना करता हूं। उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया। आर्थिक रूप से, हम एक गरीब परिवार थे लेकिन मेरे माता-पिता फिर भी अपनी आय का दसवां अंश सेवा में देते थे। उन्होंने मुझे बहुत सी बातें सिखाईं, खासकर सम्मान के बारे में। वे मुझसे कहते थे, “केवल हम ही तुम्हारे माता-पिता नहीं हैं, बल्कि जब तुम घर से बाहर जाओ और बुजुर्गों से मिलो, तो वो भी तुम्हारे माता-पिता हैं।”
प्रेमरावत.कॉम: वाह! कितने भाग्यशाली हो कि आपके माता-पिता ने दूसरों के प्रति, विशेषकर बड़ों के प्रति ऐसा सम्मान दिखाने में आपका मार्गदर्शन किया
अर्नेस्ट लेकेटी: 2018 में, जब मैं ऑस्ट्रेलिया गया था [प्रेम रावत जी के “अमारू” कार्यक्रम] पहली बार, मेरी माँ ने कहा “अरे, काश तुम्हारे पिता तुम्हें ये देखने के लिए अभी भी जीवित होते।” उनकी बातें सचमुच मुझे छू गयीं। सच कहूं तो मुझे थोड़ा दुख भी हुआ, क्योंकि मैं अपने पिता के बहुत करीब था। मेरी माँ, 75 वर्ष की उम्र में भी बहुत ही हिम्मतवाली हैं और मेरा साथ देती हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में प्रेम रावत जी के कईं लाइव कार्यक्रमों में भाग लिया है।
प्रेमरावत.कॉम: इन सुन्दर यादों को हमारे साथ बाँटने के लिए आपका धन्यवाद, अर्नेस्ट। मुझे आपके पिता के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। आप कितने भाग्यशाली हैं कि आपको अपने दोनों माता-पिता से इतना प्यार और सहारा मिला है। यह स्पष्ट है कि आप इसे लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
प्रेम जी ने बार-बार उल्लेख किया है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्राऐं कितनी पसंद हैं। वह आपके प्रति इतना स्नेह और सराहना का भाव रखते हैं। आपके लिए प्रेम जी से मिलना और उन्हे जानना कैसा रहा है? क्या आप दक्षिण अफ़्रीका में उनके लाइव कार्यक्रमों से जुड़े अपने अनुभवों के बारे में और बतायेंगे?
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केप टाउन सशक्तिकरण सत्र में प्रेम रावत के साथ अर्नेस्ट
अर्नेस्ट लेकेटी: यह एक खूबसूरत सपने जैसा लगता है जो खत्म नहीं हो रहा है। [बड़ी मुस्कान के साथ ] कभी-कभी मेरा मन करता है कि मैं खुद को चिकोटी काट लूं और पूछूं, “क्या सच में ऐसा हो रहा है?” मैं बस सोवेतो का एक युवा हूं जिसकी मुलाकात प्रेम जी से होती है, जो एक विशिष्ट व्यक्ति हैं, जो इन विशाल कार्यक्रमों को करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हैं। मैं इस रिश्ते से बहुत ही अभिभूत हूं। हम पहली बार 2014 में दक्षिण अफ्रीका टीम के साथ मिले थे। मैं बहुत ही खुश और आश्चर्यचकित था जो मदद प्रेम जी ने हमें दी। एक बार, हमने यह भी पूछा कि क्या वह साल में दो बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर सकते हैं और वो उसके लिए तैयार हो गए। 2018 में, मैने उनसे ज्ञान का उपहार प्राप्त किया। . अन्य लोगों ने मुझसे पूछा है, “प्रेम के साथ बातचीत करते समय आपको कैसा महसूस होता है?” मैं उन्हें बताता हूं कि जब मैं उनके बगल में होता हूं तो मैं स्वतंत्र महसूस करता हूं। मैं उन्हें एक मित्र की तरह मानता हूँ। वो मेरे लिए एक पिता, गुरु, प्रशिक्षक और शिक्षक की तरह हैं क्योंकि मैं अभी भी श्री प्रेम रावत जी से सीख रहा हूं। कभी-कभी मैं अपने आप से पूछता हूं, “मैंने ऐसा क्या किया कि मुझे ये सब मिला है?” मुझे रेजिना मुंडी चर्च में सोवेतो कार्यक्रम याद है और उस दिन मेरा जन्मदिन था। कुछ स्वयंसेवक केक लेकर आये थे और प्रेम ने कहा, “हम यह जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाना चाहते हैं।” वह बहुत सहज थे और सभी के साथ मजाक कर रहे थे।
![Ernest_Pic#7_Introducing Prem Rawat at Soweto Event-2 CharanAnand_Europe Younger – Europe 1974](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Ernest_Pic7_Introducing-Prem-Rawat-at-Soweto-Event-2.jpg)
सोवतो में प्रेम रावत का परिचय कराते अर्नेस्ट
सच कहूं तो, मैं जो करता हूं वह उन्हें प्रभावित करने के लिए नहीं कर रहा हूं। मैं अपने दिल से करता हूँ। शांति का यह संदेश उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो आशा खो चुके हैं।
मुझे प्रेम जी के बारे में जो बात सबसे ज्यादा पसंद है, वह यह कि वह नए विचारों का स्वागत करते हैं और दूसरों की बात बड़े ध्यान से सुनते हैं। मैंने उनके साथ अपनी निराशाएँ साझा की हैं और पीस एजुकेशन प्रोग्राम कहाँ शुरू किया जाए इसके बारे में कुछ नए विचार साझा किए हैं। उन्होंने बोला, “वो करो जो आपके और टीम के लिए सही है।”
प्रेमरावत.कॉम: और, अब सब अच्छा हो रहा है! अभी हाल ही के जोहान्सबर्ग (मई 2023) के कार्यक्रम में 5,000 लोगों ने भाग लिया। उस दक्षिण अफ्रीकी दौरे के अंत तक, प्रेम जी के लाइव इवेंट और लाइवस्ट्रीम को 55,000 से अधिक लोगों ने देखा और सुना।
क्या आप बता सकते हैं कि प्रेम जी के शांति के संदेश को आगे ले जाने में इस समय सबसे बड़ी चुनौती क्या है? आपके और दक्षिण अफ़्रीकी टीम के लिए क्या उपयोगी होगा?
अर्नेस्ट लेकेटी:: कुल मिलाकर टीम के बीच एकता बनाए रखना पहली चुनौती है। निःसंदेह, हम सभी अलग अलग दृष्टिकोण वाले व्यक्ति हैं। यदि टीम के भीतर बड़े झगड़े होते हैं, तो मुझे हस्तक्षेप करना पड़ता है। हमें एकजुट टीम बने रहना है.
हमारी दूसरी चुनौती संसाधनों की कमी है। दक्षिण अफ़्रीका में, अधिक लोगों तक पहुँचने की कोशिश में हमारे पास वित्तीय बाधाएँ हैं। अभी बहुत मांग है। अधिक से अधिक दक्षिण अफ़्रीकी लोग पीस एजुकेशन के बारे में रुचि रखते हैं और सीखने के लिए तैयार हैं। हमारे स्थानीय संगठन, अफ्रीकन चॉइस फाउंडेशन, को प्रेम रावत फाउंडेशन (टीपीआरएफ)।से मदद प्राप्त होती है
हमारी तीसरी चुनौती इसे दक्षिण अफ्रीका के सभी नौ प्रांतों में ले जाना है। इसे और समुदायों और अन्य जेलों में ले जाने के लिए हमें और अधिक स्वयंसेवकों की आवश्यकता है।
![Prem-Rawat-Ernest-and Jake-2 CharanAnand_Europe Younger – Europe 1974](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Prem-Rawat-Ernest-and-Jake-2.jpg)
सोवतो में जेक फ्रेंकल (टीपीआरएफ के संचार निदेशक) के साथ अर्नेस्ट की बैठक
प्रेमरावत.कॉम:इन चुनौतियों के बारे में खुलकर बात करने के लिए धन्यवाद। शायद, आपका साक्षात्कार पढ़ने के बाद, और लोग मदद करने के लिए प्रेरित होंगे। इसके लिए मैं इस लेख के अंत में उनके लिए अधिक जानकारी प्रदान करूंगी।
क्या प्रेम रावत के साथ आपकी बातचीत के संबंध में कुछ ख़ास यादें है?
अर्नेस्ट लेकेटी: कुछ ऐसे क्षण हैं जिन्हें मैंने अपने हृदय में अंकित कर लिया है। विशेष रूप से, जब वह एक छोटे समूह में हमसे मिलते थे, जिसमे करीब छह लोग ही होते हैं कमरे में उनके साथ। मैं उनको अपनी कुछ चुनौतियाँ के बारें में बताता हूँ और उनके जवाब और मार्गदर्शन मुझे इस मार्ग में आगे बढ़ने की हिम्मत देते हैं। मुझे याद है जब हम जिम्बाब्वे में थे, प्रेम जी ने अपनी उसी दयालु आवाज में मुझसे कहा था, “तुम बहुत अच्छा कर रहे हो।”
अभी हाल ही में, हमने दो दिन के एम्पावरमेंट सत्र किये और प्रेम जी मेरे साथ थे उसमे। वाह – मैं इसे कभी नहीं भूल सकता। सत्र के बाद उन्होंने मुझे फीडबैक दिया। प्रेम जी ने मुझसे कहा, “अर्नेस्ट, तुमने बात को समझ लिया है। अपना ध्यान ऐसे ही बनाये रखना। मुझे तुम्हारे ये सत्र करने का तरीका अच्छा लगा। अब तक आप लोग अच्छा कर रहे हैं।” ये कुछ ऐसी यादें हैं जिन्हें मैं हमेशा संजोकर रखूंगा। प्रेम जी के शब्द और उनकी मदद मुझे ये सब और ज्यादा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
![Ernest_Pic#9_ Facilitating at Cape Town Empowerment Session 3-2 CharanAnand_Europe Younger – Europe 1974](https://cdn.premrawat.com/2024/01/Ernest_Pic9_-Facilitating-at-Cape-Town-Empowerment-Session-3-2.jpg)
सोवतो में प्रेम रावत का परिचय कराते अर्नेस्ट
प्रेमरावत.कॉम: हाँ, वास्तव में। इसके अलावा, मैं बताना चाहती हूँ कि प्रेम जी की नई वेबसाइट GrowWithKnowledge.com, पर आपकी दक्षिण अफ़्रीकी टीम के दो सदस्य – तुमी महाशा और नोमा डायसी – को ह्रदय को छु लेने वाले वीडियो क्लिप . में दिखाया गया है। (“वीडियो स्टोरीज़” टैब देखें)।
दक्षिण अफ़्रीका में पीस एजुकेशन प्रोग्राम की सफलता के बाद पीक (पीस एजुकेशन एंड नॉलेज) )के साथ क्या हो रहा है?
नए पाठकों के लिए, PEAK प्रेम रावत जी द्वारा एक वीडियो कोर्स है जो आपको स्वयं को जानने और व्यक्तिगत शांति की मजबूत समझ हासिल करने में मदद करता है। कोर्स के समापन पर, आप एक कार्यशाला का अनुरोध कर सकते हैं, जिसे “ज्ञान सत्र” कहा जाता है, जहां आप आत्म-ज्ञान की क्रियाऐं सीखते हैं जो प्रेम रावत जी सिखाते हैं। इन क्रियाओं प्रतिदिन अभ्यास करने से अपने आपको को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है, जिससे ह्रदय के परिपूर्ण और संतुष्ट होने का अनुभव होता है। पीक में भाग लेने या क्रियाओं को सीखने के लिए कोई शुल्क नहीं है।
अर्नेस्ट लेकेटी: 2020 में, प्रेम रावत जी ने मुझे बार्सिलोना, स्पेन आने के लिए आमंत्रित किया। उस बैठक में, उन्होंने मुझसे एक क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में साउथ अफ्रीकन डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) की देखरेख करने में मदद करने के लिए कहा। उस समय, मैंने उनसे पीक कोर्सेज को मिलकर के एक साथ पेश करने के बारे में भी पूछा, जैसा कि हम पीस एजुकेशन प्रोग्राम कोर्सेज के साथ करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि कई दक्षिण अफ़्रीकी लोगों के लिए व्यक्तिगत कंप्यूटर नहीं होने के कारण पीक को ऑनलाइन देखना मुश्किल है। जब मैंने बार्सिलोना छोड़ा, तब मुझे पीक के सारे वीडियोस की एक मेमोरी स्टिक दी गई। प्रेम जी ने कहा, “इसका ख्याल रखना।”
महामारी के पूरी तरह से फैलने से पहले मैने कुछ लोगों के समूह के लिए ज्ञान सत्र आयोजित किया था। हमने 2021 में फिर से पीक कक्षाएं करना शुरू किया और इसे जारी रखा है। हम कई स्थानों पर पीक कक्षाएं करते हैं: सामुदायिक केंद्र, युवा केंद्र, आश्रयहीन केंद्र और पुनर्वास केंद्र।
सच कहूं तो, मैंने कभी नहीं सोचा था कि लोग इसको इतना पसंद करेंगे जैसा कि अभी हो रहा है। अपनी सीमित सोच में, मैंने सोचा, “ठीक है, शायद उन लोगों के समूह में जो इन पीक कक्षाओं में भाग ले रहे हैं ,केवल 5% लोग ज्ञान मांगेंगे।” मैं गलत साबित हुआ. 95% से अधिक और 99% के करीब लोग ज्ञान सत्र के लिए पूछते हैं।
कुछ हफ़्ते पहले, हमने एक के बाद एक ज्ञान सत्र आयोजित किए थे और प्रत्येक सत्र में 50 लोग थे। मांग को पूरा करने के लिए और अधिक संसाधनों की आवश्यकता है। क्या आप सोच सकते हैं कि अगर और अधिक लोगों तक पहुँचने के लिए संसाधन होते, तो दक्षिण अफ्रीका में क्या संभव होता?
हम अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान सत्र टीम के साथ काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, 30 इच्छुक लोगों के एक पीक समूह के साथ, हमने देखा है कि पीक के उनके पहले परिचय से लेकर ज्ञान सत्र पूछने और प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया में कितना खर्च आएगा। हमने इन सभी खर्चों का हिसाब लगाकर एक बजट प्रस्तुत किया है ताकि जरूरी धन राशी का प्रबंध किया जा सके।
प्रेमरावत.कॉम: एक आखिरी प्रश्न। आपने टीम एकता के महत्व के बारे में बात की है। दक्षिण अफ्रीका में कितने स्वयंसेवक वर्तमान में पीस एजुकेशन प्रोग्राम, पीक (पीस एजुकेशन एंड नॉलेज) और प्रेम जी के लाइव कार्यक्रमों में मदद कर रहे हैं?
अर्नेस्ट लेकेटी: मैं कहूंगा कि दक्षिण अफ्रीका में 18-25 लोग हैं जो इसमें मदद कर रहे हैं। हमारे पास लगभग 12 लोगों की एक कोर टीम है जो और स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए लगातार मिलकर काम कर रही है।
प्रेमरावत.कॉम: जो आप सब लोग कर रहे हैं, यह एक उल्लेखनीय बात है! जैसा कि प्रेम जी ने ऑस्ट्रेलियाअमारू में बताया था कि, “लोगों के जीवन में बदलाव आना कोई मामूली बात नहीं है।” तेज़ हवा चलने वाले इन दिनों में अपनी मोमबत्ती को जलाए रखना कोई मामूली बात नहीं है। ऐसे में आप उज्ज्वल रूप से चमक रहे हैं और कई और मोमबत्तियों को जलाने में मदद करने के लिए तैयार हैं। अर्नेस्ट, हम आपके हार्दिक उत्साह और प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं। आपके समय और अपने व्यक्तिगत जीवन की जो बातें हमारे साथ बांटी, उसके लिए धन्यवाद।
यदि आप दक्षिण अफ्रीका में पीस एजुकेशन प्रोग्रामऔर पीक (पीस एजुकेशन एंड नॉलेज) में सहयोग करने में रुचि रखते हैं, तो TPRF.org.में योगदान दे सकते हैं।
अर्नेस्ट लेकेटी की मुख्य तस्वीर केप टाउन में एक एम्पावरमेंट सत्र के दौरान ली गई थी।